Desh Bhakti Shayari, lutera hai agar azad to लुटेरा है अगर आजाद तो अपमान सबका है, लुटी है एक बेटी तो लुटा सम्मान सबका है, बनो इंसान पहले छोड़ कर तुम बात मजहब की, लड़ो मिलकर दरिंदों से ये हिंदुस्तान सबका है।
क्या कहा है किसी ने गाँव को गाँव रहने दो साहब क्यों शहर बनाने में तुले हुए हो गाँव में रहोगे तो माता-पिता के नाम से जाने जाओगे और शहर में रहोगे तो मकान नंबर से पहचाने जाओगे